"बारिश कब होगी, कितना होगी, और कब रुकेगी – ये सब ऊपर वाले के हाथ में है, लेकिन अब नुकसान की भरपाई सरकार करने लगी है।"
ये बात कुछ साल पहले तक शायद मजाक लगती, लेकिन अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ने इसे सच कर दिखाया है। आज अगर किसी किसान से पूछो कि खेती में सबसे बड़ा सहारा क्या है, तो बहुतों का जवाब होगा – "फसल बीमा योजना।"
क्या है ये योजना?
2016 में शुरू हुई ये योजना, किसानों के लिए एक फसल सुरक्षा कवच बनकर आई। पहले किसान की मेहनत अगर प्राकृतिक आपदाओं से बर्बाद हो जाती थी, तो उसे अकेले ही झेलना पड़ता था। लेकिन अब, अगर बारिश ज्यादा हो जाए, सूखा पड़ जाए, तूफान आए, ओले गिरें या कीड़े लग जाएं – तो भी किसान अकेला नहीं है। सरकार उसकी कमर थामने के लिए तैयार है।
आंकड़े जो भरोसा बढ़ाते हैं...
अब तक 78.41 करोड़ आवेदन बीमा के तहत कवर हो चुके हैं। 1.83 लाख करोड़ रुपये किसानों को मुआवजे के तौर पर मिल चुके हैं। गैर-ऋणधारी किसानों की संख्या 2014-15 के 20 लाख से अब 5.22 करोड़ हो गई है, यानी अब किसान खुद बीमा करवा रहे हैं, बैंक से लोन लिए बिना भी!
सोचिए, ये सिर्फ स्कीम नहीं है, क्रांति है।
आसान भाषा में समझें – कैसे काम करती है ये योजना?
मान लीजिए, आपके खेत में 35,000 रुपये की धान की फसल है। अब अगर आप PMFBY में शामिल होते हैं, तो सिर्फ 2% यानी 700-800 रुपये का प्रीमियम देकर आप पूरे 35,000 रुपये का बीमा करवा सकते हैं। बाकी का सारा पैसा सरकार भरती है – आधा केंद्र, आधा राज्य। और अगर आपकी फसल बर्बाद हो जाए, तो आपको पूरा क्लेम मिल सकता है।
मतलब... "सस्ती प्रीमियम, बड़ा फायदा!"
सिर्फ बीमा नहीं – पूरी खेती की सुरक्षा
इस योजना में सिर्फ खड़ी फसल ही नहीं, बल्कि:
-बुआई ना हो पाने की स्थिति,
-कटाई के बाद का नुकसान,
-स्थानीय आपदाएं – सबको कवर किया जाता है।
और हां, अब नुकसान का आकलन ड्रोन, सैटेलाइट और मोबाइल ऐप्स से होता है। यानी कोई झोल नहीं, सब कुछ पारदर्शी और फटाफट।
आज का किसान, जागरूक किसान
पहले गांवों में बहुत से लोग कहते थे – "बीमा में तो पैसा डूब जाता है", लेकिन अब किसान खुद कह रहा है – "बीमा के बिना खेती करना, बिना छत के घर में रहने जैसा है।"
सरकार ने क्या-क्या किया?
सरकार ने सिर्फ योजना नहीं बनाई, उसे जमीन पर उतारा भी। जैसे:
-14447 हेल्पलाइन नंबर – कोई भी सवाल हो, तुरंत समाधान
-‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ – बीमा की रसीद आपके गांव तक
-डिजिक्लेम सिस्टम – समय पर मुआवजा, नहीं तो 12% ब्याज
-WINDS और YES-Tech जैसी तकनीकें – नुकसान का तेज आकलन
किसको फायदा मिलेगा?
-जिसने बैंक से फसल ऋण लिया है – जरूरी है बीमा कराना
-जिसने लोन नहीं लिया – स्वेच्छा से शामिल हो सकता है
-सीमांत किसान, छोटे किसान, भूमिहीन किसान – सबके लिए ये योजना है।
कैसे जुड़ें इस योजना से?
बहुत आसान है:
- https://pmfby.gov.in पर जाएं या फिर नजदीकी CSC सेंटर जाएं या बैंक से बात करें। फसल, जमीन और बैंक की जानकारी दें और हो गया आपका फसल बीमा!
किसी ने सही कहा है – "बीमा केवल पैसा नहीं देता, ये भरोसा देता है।"
पीएम फसल बीमा योजना ने भारत के लाखों किसानों को दोबारा मुस्कुराने का हक दिया है। ये सिर्फ सरकारी योजना नहीं, ये किसानों का आत्मविश्वास है।
अगर आप किसान हैं, या आपके परिवार में कोई खेती करता है – तो इस योजना के बारे में बात करें, जुड़ें, और दूसरों को भी जोड़ें।
"खेती अब सिर्फ मौसम पर नहीं, बीमा पर भी चलती है।"
सोर्स पीआईबी
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