प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 मई को 'मन की बात' पर आधारित प्रदर्शनी देखने दिल्ली की नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट पहुंचे। मन की बात की 100वीं कड़ी पूरा होने पर यह प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी का नाम जन शक्ति दिया गया है। कलाकृतियों को देखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में लिखा- 'मन मंदिर की यात्रा सुखद हो।'
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कर्नाटक में बीजेपी की हार को लेकर क्या है सोशल मीडिया में समर्थकों की प्रतिक्रिया?
अटल काव्यांजलि में जुटेंगे देश के दिग्गज कवि
पिछले कई वर्षों की भांति भारतीय राजनीति के पुरोधा युगपुरुष हम सभी के प्रेरणा स्रोत, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रधेय अटल बिहारी वाजपेई जी की जन्मजयंती की पूर्व संध्या पर दिनांक 24 दिसंबर 2022 को सायंकाल काल 5:00 बजे से 8.00 बजे तक दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल में एक भव्य "अटल काव्यांजलि" का आयोजन नीरज स्मृति न्यास द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल महामहिम श्री बंडारू दत्तात्रेय जी होंगे।
समस्याओं के समाधान के बजाय राजनीति कर रही है केजरीवाल सरकार- करतार सिंह भड़ाना
राजधानी दिल्ली में पिछले कई वर्षों से बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और आसपास में रहने वाले लोगों का दम घुटने लगा है। हर साल ये समस्या बढ़ती ही जा रही है। अब हालात ऐसे बन गए हैं की आम और खास, सभी लोग प्रदूषण से परेशान हो चुके हैं। इस मुद्दे पर वीरवार को प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री करतार सिंह भड़ाना ने कहा
बिहार पंचायत चुनाव: लोकतंत्र पर भारी शराब-तंत्र- बिहार से लौटकर आशुतोष कुमार सिंह
बिहार में इन दिनों राजनीतिक पारा अपने चरम पर है। कारण है पंचायत चुनाव। गांव में मुखिया-सरपंच, बीडीसी, पंच और जिला पार्षद बनने की होड़ लगी हुई है। चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी मतदाताओं कुछ भी देने के लिए तैयार हैं। जिसके पास जितना वोट है, उसके लिए वैसा ही ऑफर। एलइडी, फ्रीज, मोटरसाइकिल सहित बहुत से ऑफर मतदाताओं के लिए उपलब्ध है। इन सबके बीच जो सबसे कारगर ऑफर है वह है दारू!
प्रधानमंत्री मोदी के लीक से हटकर लिए गए 10 बड़े और कड़े फैसले
दिल्ली हिंसा को भड़काने के लिए सोनिया गांधी दोषी- बीजेपी
नागरिकता संशोधन कानून के बारे में 10 प्वाइंट में जानिए सब कुछ
उत्तर- नहीं। इसका भारतीय नागरिकों से किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय नागरिकों को संविधान में वर्णित मूल अधिकार मिले हुए हैं। नागरिकता संशोधन कानून या अन्य कोई भी चीज उनसे इन्हें वापस नहीं ले सकती