कृषि में क्रांति: कृषि अवसंरचना कोष (AIF) कैसे बना रहा है किसानों की तरक्की की नींव

किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय बनाने की दिशा में भारत सरकार की कोशिशें पिछले कुछ वर्षों में काफी तेज हुई हैं। इन कोशिशों में एक बहुत बड़ी पहल है– कृषि अवसंरचना कोष (Agriculture Infrastructure Fund - AIF)। इस योजना का मकसद है खेत से लेकर बाजार तक की पूरी प्रणाली को इतना मजबूत बनाना कि किसान को उसकी मेहनत का पूरा दाम मिले और फसल की बर्बादी भी न हो।


कृषि अवसंरचना कोष (AIF) क्या है?
AIF, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो 2020 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य है– फसल के बाद के प्रबंधन (Post-Harvest Management) और फार्म गेट इंफ्रास्ट्रक्चर (Farm-Gate Infrastructure) को बढ़ावा देना। आसान शब्दों में कहें तो इससे किसानों को अपनी उपज के भंडारण, पैकेजिंग, ग्रेडिंग, शीत भंडारण, प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं मिलती हैं ताकि वे अपनी उपज को सही वक्त पर सही दाम पर बेच सकें।

AIF के ज़रिए क्या-क्या संभव हो रहा है?

1. किसानों को मिल रहा है सस्ता ऋण (Loan at low interest):
किसानों और कृषि उद्यमियों को 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 3% ब्याज सब्सिडी मिल रही है। इससे उन्हें भंडारण, प्रोसेसिंग यूनिट जैसे प्रोजेक्ट शुरू करने में मदद मिल रही है।

2. बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी:
30 जून 2025 तक 1.13 लाख से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी, और कुल 66,310 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। इससे देश भर में कृषि ढांचे को काफी मजबूती मिली है।

3. रोजगार और आमदनी में इज़ाफा:

जैसे कि ओडिशा के श्री मां मज्जी गौरी काजू उद्योग का उदाहरण। सस्ती दर पर ऋण मिलने के कारण काजू प्रोसेसिंग यूनिट शुरू हुई, जिससे 20 लोगों को रोजगार और 40 किसानों को बाजार स्थिरता मिली।

4. प्राकृतिक जोखिमों में कमी और टिकाऊ खेती:
बेहतर स्टोरेज और प्रोसेसिंग के जरिए किसान अब मौसम की मार से कम प्रभावित हो रहे हैं। इससे खाद्य अपव्यय भी घट रहा है।

किस-किस को मिल रहा है लाभ?

लाभार्थी वर्ग-     मिलने वाले लाभ
किसान-    बेहतर स्टोरेज, कम नुकसान, अच्छा दाम
एफपीओ/कोऑपरेटिव्स-    सामुदायिक संसाधनों की मदद से लागत में कमी
स्टार्टअप्स/एग्रीप्रेन्योर्स-    टेक्नोलॉजी और प्रोसेसिंग में इनोवेशन की सुविधा
बैंक्स-    सरकार की गारंटी से जोखिम में कमी
उपभोक्ता-    बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद, सस्ती दरों पर उपलब्ध

AIF से जुड़ी सहायक योजनाएं भी दे रही हैं गति

सरकार ने AIF के साथ-साथ कई अन्य योजनाएं शुरू की हैं जो मिलकर एक समग्र कृषि सुधार पारिस्थितिकी तंत्र तैयार कर रही हैं:
-प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) – मत्स्य क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने हेतु
-राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) – मंडियों को जोड़ने और ऑनलाइन व्यापार की सुविधा
-सूक्ष्म सिंचाई कोष (MIF) – सिंचाई की आधुनिक तकनीक को बढ़ावा
-जैविक मूल्य श्रृंखला मिशन (MOVCDNER) – पूर्वोत्तर में जैविक खेती को प्रोत्साहन
-डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) – किसानों के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म

नवीन विस्तार और बदलाव
28 अगस्त 2024 को AIF को और प्रभावशाली बनाने के लिए कुछ नए बदलाव किए गए:
-सामुदायिक कृषि अवसंरचना भी अब योजना के तहत पात्र है।
-सौर ऊर्जा आधारित इकाइयों और जलवायु अनुकूल परियोजनाओं को प्राथमिकता मिल रही है।
-एफपीओ को एनएबी संरक्षण ट्रस्टी से भी गारंटी सुविधा मिलने लगी है।


आखिरी बात 

AIF सिर्फ एक योजना नहीं, कृषि क्षेत्र में परिवर्तन की एक लहर है। इससे छोटे और सीमांत किसान भी बड़े स्तर पर सोचने लगे हैं। बाजार तक पहुंच, उत्पाद की कीमतों पर नियंत्रण, और मौसम की अनिश्चितता से सुरक्षा – ये सब अब संभव हो रहा है।

अगर सही दिशा में और निरंतर प्रयास होते रहें, तो भारत का कृषि क्षेत्र सिर्फ आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बन सकता है।

"अब वक़्त है खेत से मंडी तक की दूरी को कम करने का – AIF के साथ!"
क्या आप भी किसान हैं या एग्री-स्टार्टअप चला रहे हैं? तो AIF आपके लिए सुनहरा मौका हो सकता है।

सोर्स पीआईबी 

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