भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति: वैश्विक चिप हब बनने की ओर तेज़ी से कदम

"आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है... जब मुश्किलें आ रही हों, तो आप भारत पर विश्वास कर सकते हैं" — प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री के इस कथन को आज भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में जो कदम उठा रहा है, वह साकार करता नज़र आ रहा है। देश अब वैश्विक चिप निर्माण की दौड़ में मजबूती से शामिल हो चुका है, और जल्द ही वह सेमीकंडक्टर उद्योग में एक विश्वसनीय नेता के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है।
सेमीकंडक्टर: हर तकनीक का दिल
सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक तकनीक के सबसे महत्वपूर्ण अवयव बन चुके हैं। मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी, उपग्रह, रक्षा प्रणालियाँ और यहां तक कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उपकरणों का संचालन इन छोटे लेकिन शक्तिशाली चिप्स पर निर्भर करता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, एक सेमीकंडक्टर चिप में करोड़ों सूक्ष्म ट्रांजिस्टर होते हैं जो विद्युत संकेतों को प्रोसेस करके मशीनों को निर्णय लेने की क्षमता देते हैं। चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर द्वारा सुरक्षित लैंडिंग में भी इन्हीं भारतीय तकनीकों और सेमीकंडक्टर चिप्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

भारत में सेमीकंडक्टर क्रांति: प्रमुख बिंदु
🔹 भारत का चिप बाज़ार 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
🔹 India Semiconductor Mission (ISM) के तहत ₹76,000 करोड़ का निवेश स्वीकृत।
🔹 2023-2025 के बीच 6 प्रमुख यूनिट्स को मंज़ूरी मिली।
🔹 सेमीकॉन इंडिया 2025 में 18 देशों की भागीदारी और 300 से अधिक वैश्विक प्रदर्शक शामिल।
🔹 नोएडा और बेंगलुरु में 3-नैनोमीटर चिप डिज़ाइन सेंटर का उद्घाटन।

वैश्विक निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर
ताइवान, कोरिया, अमेरिका और चीन जैसे देश अभी सेमीकंडक्टर उत्पादन में अग्रणी हैं। परंतु कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान वैश्विक चिप की कमी से सप्लाई चेन प्रभावित हुई। इसी पृष्ठभूमि में भारत ने अपनी भूमिका को फिर से परिभाषित किया है।

अब भारत केवल चिप उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक चिप निर्माता और डिज़ाइन हब बनने की ओर बढ़ रहा है।

निवेश और साझेदारियाँ: भारत का नया चिप नक्शा
PIB द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण के कई बड़े निवेश आए हैं:

कंपनी    स्थान    निवेश    उत्पादन क्षमता

माइक्रोन    साणंद, गुजरात    ₹22,516 करोड़    ATMP यूनिट
टाटा-PSMC    धोलेरा, गुजरात    ₹91,000 करोड़    50,000 वेफर्स/माह
CG Power & Renesas    साणंद, गुजरात    ₹7,600 करोड़    1.5 करोड़ चिप/दिन
टाटा-TSAT    मोरीगांव, असम    ₹27,000 करोड़    4.8 करोड़ चिप/दिन
HCL-Foxconn JV    जेवर, यूपी    ₹3,700 करोड़    36 मिलियन यूनिट/वर्ष

कौशल विकास: 1 लाख इंजीनियर तैयार होंगे
सरकार ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में काम करने के लिए बड़ी संख्या में इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है:
-85,000 इंजीनियरों को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन और निर्माण में प्रशिक्षित किया जाएगा।
-NIELIT कालीकट की SMART लैब ने अब तक 44,000 से अधिक इंजीनियर तैयार किए हैं।
-AICTE द्वारा नया पाठ्यक्रम – VLSI और IC डिज़ाइन के लिए।
-IBM, Lam Research, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी जैसे वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारी।

सेमीकॉन इंडिया 2025: दिल्ली में बड़ा मंच
2 से 4 सितंबर 2025 को दिल्ली के यशोभूमि (IICC) में होने जा रहा सेमीकॉन इंडिया 2025, अब तक का सबसे बड़ा संस्करण होगा। इस आयोजन में:
-18 देशों के 300 से अधिक प्रदर्शक होंगे।
-जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और मलेशिया से 4 अंतरराष्ट्रीय मंडप होंगे।
-गोलमेज सम्मेलन: 8 देशों के नीति निर्माता और उद्योग विशेषज्ञ शामिल होंगे।
-डिज़ाइन स्टार्टअप मंडप और वर्कफोर्स डेवलपमेंट मंडप जैसे इनोवेटिव प्लेटफॉर्म पहली बार प्रस्तुत होंगे।

नवाचार और स्टार्टअप्स का नया दौर
-नेत्रसेमी जैसे स्टार्टअप को ₹107 करोड़ की फंडिंग प्राप्त हुई। यह कंपनी स्मार्ट विज़न और IoT अनुप्रयोगों के लिए चिप्स बना रही है।
-सरकार की Design Linked Incentive योजना ने अब तक 100 से अधिक डिज़ाइन प्रपोजल्स को प्रोत्साहित किया है।

नई फैक्ट्रियाँ, नया भारत
मध्य प्रदेश में पहला आईटी मैन्युफैक्चरिंग परिसर चालू हुआ है, जिसमें डेस्कटॉप, लैपटॉप, सर्वर, ड्रोन और रोबोट तक का निर्माण किया जाएगा। यह परिसर 1 लाख वर्ग फुट में फैला होगा और इसमें ₹150 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।

भारत का सेमीकंडक्टर मिशन अब केवल योजनाओं तक सीमित नहीं है। निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है, डिज़ाइन सेंटर चालू हो चुके हैं, और युवा इंजीनियरों की एक नई फौज तैयार हो रही है। यह बदलाव भारत को टेक्नोलॉजी के उपभोक्ता से निर्माता और नवप्रवर्तक (Innovator) की भूमिका में स्थापित कर रहा है।

साफ है कि भारत की चिप क्रांति अब कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर उतर चुकी है।

सोर्स पीआईबी

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