श्री अन्न के माध्यम से भारत को सशक्त बनाता एक नया कृषि आंदोलन

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के किसान गुड्डू डोंगरे आज भारत में मिलेट क्रांति (श्री अन्न आंदोलन) का चेहरा बन चुके हैं। कभी जिस जमीन को लोग बेकार मानते थे, आज वही जमीन मिलेट की फसल से लहलहा रही है। गुड्डू ने किसान फील्ड स्कूल से सीखा कि मिलेट सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि एक समाधान है – कम इनपुट, कम समय और हर मिट्टी में उगने वाला।


राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) और कृषि अधिकारियों के सहयोग से गुड्डू ने एक हेक्टेयर पर कोदो (कुटकी) उगाया और महज पहली फसल में ही 10,000 रुपये का मुनाफा कमाया। लेकिन असली कमाई आत्मविश्वास की हुई- अब उनका गांव भी इस राह पर चल पड़ा है।

श्री अन्न – पोषण से भरपूर, खेती में दमदार
मोटे अनाज या श्री अन्न जैसे ज्वार, बाजरा, रागी और छोटे मिलेट, पोषण का खजाना हैं।
-ग्लूटेन फ्री और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले ये अनाज डायबिटीज और सीलिएक रोगियों के लिए आदर्श हैं।
-इनमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और जिंक होता है।
-यही वजह है कि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को "अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष" घोषित किया।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिलेट उत्पादक है – 38.4% वैश्विक उत्पादन के साथ। 2024-25 में भारत ने 180.15 लाख टन मिलेट का उत्पादन किया, जो पिछले साल से 4.43 लाख टन अधिक है। राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे आगे हैं।

नीति और बजट से मिले पंख
भारत सरकार ने मिलेट को बढ़ावा देने के लिए बहुस्तरीय समर्थन तैयार किया है:

1. खेती के लिए समर्थन
-राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन - पोषक अनाज (NFSM-NA)
-पीएम आरकेवीवाई योजना के अंतर्गत राज्यों को अपनी रणनीति के अनुसार श्री अन्न को बढ़ावा देने की स्वतंत्रता
-8,000 करोड़ रुपये कृषिउन्नति योजना और 8,500 करोड़ रुपये आरकेवीवाई के लिए आवंटित

2. प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन
-प्रधानमंत्री एफएमई योजना – 2,000 करोड़ रुपये
-पीएलआई योजना (PLISMBP) – ब्रांडेड, रेडी टू ईट मिलेट उत्पादों को बढ़ावा
-29 कंपनियों को 793.27 करोड़ रुपये की सहायता

3. निर्यात और विपणन
-एपीडा (APEDA) द्वारा वैश्विक स्तर पर भारतीय मिलेट को बढ़ावा
-2024-25 में 89,164 टन निर्यात, जिसकी कीमत $37 मिलियन रही
-निर्यात संवर्धन मंच और ऑनलाइन पोर्टल की स्थापना

4. अनुसंधान और नवाचार
-आईआईएमआर, हैदराबाद – वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र
-उच्च उपज वाली किस्में, प्रशिक्षण, एफपीओ निर्माण में योगदान

5. सार्वजनिक वितरण और खरीद
-पीएम-जीकेएवाई के तहत श्री अन्न को शामिल करने की व्यवस्था
-2025-26 बजट में ₹2,03,000 करोड़ का आवंटन

राज्य स्तर की प्रमुख पहलें
-ओडिशा मिलेट मिशन: आदिवासी क्षेत्रों में रागी और अन्य मिलेट का पुनरुद्धार, 17 इनक्यूबेशन सेंटर
-छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन: ICAR-IIMR के साथ समझौता, जनजातीय समावेशन और एफपीओ निर्माण
-हरियाणा की भावांतर भरपाई योजना: बाजरे को ₹600/क्विंटल तक की कीमत सुरक्षा
-आंध्र प्रदेश – APDMP: सूखा प्रभावित इलाकों में छोटे मिलेट, व्यंजनों का नवाचार
-नागालैंड: NFSM के अंतर्गत फॉक्सटेल मिलेट का समावेश

मुख्यधारा में श्री अन्न
भारत सरकार ने मिलेट की पूरी वैल्यू चेन – उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, वितरण और खपत – को एकीकृत किया है।
-दिल्ली हाट में "मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर",
-सरकारी कार्यालयों में मिलेट-आधारित भोजन
-मिलेट शक्ति कैफे और स्कूलों/आंगनवाड़ी में मिलेट-आधारित खाद्य पदार्थों का समावेश

श्री अन्न: भारत की पोषण सुरक्षा की नींव
मिलेट सिर्फ एक अनाज नहीं, बल्कि जलवायु-लचीली कृषि, किसान की आय, और जनस्वास्थ्य का समाधान है। केंद्र और राज्यों की सामूहिक इच्छाशक्ति, किसानों की भागीदारी और नीति समर्थन के साथ भारत ने मिलेट को अपनी कृषि और आहार संस्कृति का अभिन्न अंग बना दिया है।

अब समय है इस गति को स्थायी बदलाव में बदलने का – ताकि श्री अन्न, भारत का भविष्य बन सके।

सोर्स पीआईबी

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