क्या आपने कभी सोचा था कि गांव के किसी छोटे से कोने में रहने वाली महिला, जो कभी बैंक का दरवाजा भी नहीं देख पाई थी, अब अपने मोबाइल से बैंक बैलेंस चेक कर रही है? या कोई मज़दूर अब सीधे अपने खाते में सरकारी सहायता पा रहा है, बिना किसी बिचौलिए के? तो जन धन योजना ने ये सब मुमकिन कर दिखाया है।
शुरुआत कैसे हुई?
साल 2014 में जब पीएम नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से ये ऐलान किया कि हर भारतीय का बैंक में खाता होगा, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि ये योजना इतनी दूर तक जाएगी। 28 अगस्त 2014 को योजना की औपचारिक शुरुआत हुई और फिर जो हुआ वो वाकई में ऐतिहासिक है।
अब तक की कुछ जबरदस्त उपलब्धियाँ
🔹 55 करोड़ से ज़्यादा खाते खोले जा चुके हैं।
🔹 इनमें से 56% महिलाएं हैं – यानी ये महिला सशक्तिकरण की असली मिसाल है।
🔹 2.5 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए इन खातों में जमा हैं।
🔹 80% खाते एक्टिव हैं – मतलब लोग इनका नियमित इस्तेमाल कर रहे हैं।
🔹 66% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में खुले हैं।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
जन धन योजना ने महिलाओं को न सिर्फ बैंकिंग से जोड़ा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया। अब वो अपने पैसों पर खुद का हक समझती हैं। चाहे गैस सब्सिडी हो या मनरेगा की मजदूरी – सब सीधा खाते में।
क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
✅ ज़ीरो बैलेंस पर खाता
✅ ₹2 लाख तक का दुर्घटना बीमा
✅ ₹10,000 तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा
✅ RuPay कार्ड – जिससे आप ATM से पैसे निकाल सकते हैं और शॉपिंग कर सकते हैं
✅ सरकारी योजनाओं का पैसा सीधा खाते में – बिना बिचौलिए, बिना घूस
DBT से भ्रष्टाचार पर लगाम
मनरेगा, उज्ज्वला, वृद्धावस्था पेंशन, कोविड राहत – अब इन सबकी सब्सिडी डायरेक्ट खाते में आ जाती है। Direct Benefit Transfer (DBT- डीबीटी) ने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और विश्वास दोनों बढ़ाया है।
बैंक अब आपके करीब
देश की 99.95% आबादी अब बैंकिंग टचपॉइंट से सिर्फ 5 किमी की दूरी पर है। मतलब, बैंकिंग अब हर किसी की पहुंच में है – चाहे वो कितना भी दूरदराज क्यों न हो।
अपडेट और सुरक्षा
जुलाई 2025 से केवाईसी अपडेट का स्पेशल अभियान शुरू हुआ है। गांव-गांव में कैंप लग रहे हैं ताकि लोग अपने दस्तावेज अपडेट करवा सकें और हर सुविधा का पूरा लाभ ले सकें।
जन धन योजना सिर्फ एक खाता खोलने की योजना नहीं है, यह एक आर्थिक क्रांति है। इससे गरीब को सम्मान मिला, महिलाओं को हक मिला और देश को एक नया भरोसा मिला कि "सबका साथ, सबका विकास" सिर्फ नारा नहीं, हकीकत है।
तो अगली बार जब आप ATM से पैसे निकालें या सब्सिडी सीधी खाते में आए, तो याद रखिए – इस सब में जन धन योजना का भी बड़ा हाथ है।
No comments:
Post a Comment