22 मिनट में बदला: पीएम मोदी का संसद में तीखा वार – भारत का पक्ष नहीं देख पा रहे, उन्हें आइना दिखाने आया हूँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई 2025 को लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, विपक्ष की भूमिका, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, और भारत की नई रणनीति पर ऐतिहासिक बयान दिया। उन्होंने कहा: “22 अप्रैल को जो हुआ, उसका बदला 22 मिनट में लिया गया।”



उनकी यह टिप्पणी केवल एक सर्जिकल प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि वैश्विक राजनीति और घरेलू विपक्ष को आईना दिखाने का उद्घोष था।

ऑपरेशन सिंदूर: 22 मिनट में रणनीतिक बदला
प्रधानमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों पर पहलगाम में हमला किया। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवादी संगठन ने ली। इसके बाद भारत ने सिर्फ 22 मिनट में जवाबी कार्रवाई कर दी। 100 आतंकियों को मार गिराया गया। 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया, जिनमें बहावलपुर और मुरीदके जैसे ठिकाने शामिल हैं। यह कार्रवाई एक मिसाल बन गई—आतंकवाद का जवाब अब भारत अपने शर्तों पर देगा।

भारत का पहला रक्षात्मक युद्ध: "1000 मिसाइलें हवा में रोकी गईं"
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में चौंकाने वाला तथ्य साझा किया: “9 मई को पाकिस्तान ने करीब 1000 मिसाइलें और ड्रोन भारत पर दागे, जिनमें से अधिकांश को हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।”

यह भारत का पहला ऐसा रक्षात्मक युद्ध था जिसमें दुश्मन के हर प्रयास को नाकाम कर दिया गया। कोई जनहानि नहीं हुई, कोई बम नहीं फटा—ये भारत की तकनीकी क्षमता और पूर्व तैयारी का प्रमाण था।

“भारत अब सलाह नहीं, कार्रवाई करता है”
पीएम मोदी ने साफ कहा: “भारत अब किसी की सलाह पर नहीं, अपने निर्णयों पर चलता है। अब सलाह नहीं, कार्रवाई होती है।” उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन भारत के साथ था। किसी भी मित्र राष्ट्र ने भारत को रुकने को नहीं कहा, बल्कि सभी ने भारत की आत्मरक्षा को जायज़ ठहराया।

“जो भारत का पक्ष नहीं देख पा रहे, उन्हें आइना दिखाने आया हूँ”
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा: “कुछ लोग ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं, ऐसे लोग भारत की संसद में पाकिस्तान का पक्ष रख रहे हैं। मैं उन्हें आईना दिखाने आया हूँ जो भारत का पक्ष नहीं देख पा रहे।”

इस वक्तव्य में केवल राजनीतिक असहमति की आलोचना नहीं थी, बल्कि यह राष्ट्रहित में एक सख्त चेतावनी थी—अब देश की सुरक्षा से जुड़ी राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

"मोदी सरकार दबाव में नहीं, संकल्प से चलती है"
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर कोई भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि एक पूर्व-योजनाबद्ध और जिम्मेदार निर्णय था: इस ऑपरेशन की पूरी तैयारी महीनों से चल रही थी। कार्रवाई को तीन बार टाला गया, क्योंकि भारत निर्दोषों के जान की कीमत पर निर्णय नहीं लेता। आखिरकार जब समय और उद्देश्य दोनों स्पष्ट हो गए, तब 6 मई की रात को ऑपरेशन प्रारंभ हुआ और 7 मई को समाप्त।

"अब कोई फ़र्क नहीं रहेगा - आतंकवादी और उनका समर्थन करने वाले एक समान"
पीएम मोदी ने भारत की नई आतंकवाद नीति की घोषणा की: अब आतंकवादियों और उन्हें शरण देने वालों में कोई अंतर नहीं किया जाएगा। "टेरर और टॉक्स साथ नहीं चल सकते", अब यह भारत की स्पष्ट नीति है। यह नीति केवल पाकिस्तान के लिए चेतावनी नहीं थी, बल्कि दुनिया को भारत के नए दृष्टिकोण की जानकारी भी थी।

कांग्रेस और विपक्ष पर तीखा प्रहार
पीएम मोदी ने विपक्ष को याद दिलाया कि: जब देश संकट में था, तब कुछ नेताओं ने सवाल उठाकर पाकिस्तान को बचाने का प्रयास किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा: “कुछ लोगों को मोदी सरकार से इतनी चिढ़ है कि भारत की बात करने से भी परहेज करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की यही सोच 1950 के दशक से चली आ रही ग़लतियों का कारण बनी।

"राष्ट्र सर्वोपरि": मोदी का स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा: “यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है। देश की संप्रभुता सर्वोपरि है, और इसे कोई चुनौती नहीं दे सकता।” उन्होंने संसद को आश्वस्त किया कि सरकार, सेना, और जनता की एकता ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है।

संसद से सीधा संदेश – “हम डरते नहीं, जवाब देते हैं”
पीएम मोदी का यह भाषण भारत की नई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और राजनीतिक स्पष्टता का दस्तावेज़ है। यह केवल एक सरकार का जवाब नहीं, बल्कि एक राष्ट्र की चेतावनी थी—अब भारत ना झुकेगा, ना रुकेगा।

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