भारत सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का महत्वाकांक्षी विजन अपनाया है। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन कर ग्रामीण समृद्धि और कृषि आधारित आय को सशक्त बनाना है। 22 जुलाई को कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए बहुआयामी योजनाओं, बजटीय समर्थन, और ठोस रणनीति का मार्गदर्शन किया गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार, ग्रामीण संकट का समाधान और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाना सरकार की प्राथमिकता रही है। 2016 में किसान आय दोगुनी करने की दिशा में सरकार ने अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की, जिसने व्यापक रिपोर्ट और रणनीति पेश की। समिति ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 7 स्रोतों की पहचान की है :
1. फसल उत्पादकता में वृद्धि
बेहतर बीज, प्रौद्योगिकी, और वैज्ञानिक खेती का विस्तार।
2. पशुधन उत्पादकता में वृद्धि
डेयरी, मत्स्य, और बकरी पालन में नवाचार।
3. संसाधनों का उत्तम उपयोग व उत्पादन लागत में कमी
मृदा स्वास्थ्य, सिंचाई और खेती यंत्रीकरण से लागत घटाना।
4. फसल सघनता में वृद्धि
एक वर्ष में कई फसलें लेकर ज़्यादा उपज प्राप्त करना।
5. उच्च मूल्य वाली कृषि में विविधीकरण
बागवानी, फूल, जैविक खेती, औषधीय पौधों की ओर रुझान।
6. किसानों की उपज पर लाभकारी मूल्य (MSP व मंडी सुधार)
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), ई-NAM, पीएसएस, पीडीपीएस के तहत लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना।
7. कृषि से अतिरिक्त जनशक्ति का गैर-कृषि व्यवसायों की ओर स्थानांतरण
ग्रामीण उद्योग, कृषि-आधारित उद्यम, और कौशल विकास द्वारा आय के विविध स्रोत सृजन।
सरकार की प्रमुख योजनाएँ और कार्यक्रम
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
हर पात्र किसान परिवार को सालाना ₹6,000 आर्थिक सहायता, तीन किश्तों में सीधी डीबीटी के माध्यम से।
2. प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY)
60 वर्ष की आयु के बाद किसानों को पेंशन (₹3,000 प्रतिमाह) प्रदान करने के लिए स्वैच्छिक-सहयोगी पेंशन योजना।
3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) / पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS)
फसल नुक़सान की भरपाई के लिए कम प्रीमियम दरों पर बीमा सुरक्षा।
4. संशोधित ब्याज छूट योजना (MISS)
कृषि ऋण पर ब्याज में छूट, ताकि किसानों को कम दर पर ऋण उपलब्ध हो सके।
5. एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF)
भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग आदि के लिए किसानों, एफपीओ, सहकारी समिति, उद्यमियों को सस्ती दर पर ऋण।
6. 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (FPO) का गठन एवं संवर्धन
संगठित विपणन, सामूहिक खरीद-बिक्री, संसाधन साझा करने के लिए किसान समूहों का गठन।
7. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM)
मधुमक्खी पालन को बढ़ावा, शहद उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन का विस्तार।
8. नमो ड्रोन दीदी
महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसर।
9. राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन (NMNF)
प्राकृतिक और जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना; रसायन मुक्त खेती।
10. प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA)
MSP के प्रभावी क्रियान्वयन और मूल्य स्थिरीकरण के लिए तीन योजनाएँ -
-मूल्य समर्थन योजना (PSS)
-मूल्य अंतर भुगतान योजना (PDPS)
-बाज़ार हस्तक्षेप योजना (MIS)
11. स्टार्ट-अप्स और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि निधि (AgriSure)
कृषि स्टार्टअप्स और उद्यमों को वित्तीय सहायता।
12. प्रति बूंद अधिक फसल (PDMC)
माइक्रो-सिंचाई तकनीक (ड्रिप, स्प्रिंकलर) की सब्सिडी, जल संरक्षण।
13. कृषि मशीनीकरण उप-मिशन (SMAM)
कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी, कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि मशीनीकरण का विस्तार।
14. परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
जैविक खेती में समग्र सहायता।
15. मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता (SH&F)
मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मिट्टी की जांच, उर्वरक के संतुलित उपयोग के लिए जागरूकता।
16. वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (RAD)
बरसाती क्षेत्रों में खेती का संवर्द्धन, जल प्रबंधन।
17. कृषि वानिकी
फसल के साथ वानिकी (Agroforestry) का बढ़ावा।
18. फसल विविधीकरण कार्यक्रम (CDP)
पारंपरिक फसलों से लाभकारी और विविध फसलों की ओर रुझान।
19. कृषि विस्तार उप-मिशन (SMAE)
ज्ञान विस्तार, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, और सूचना तकनीक का उपयोग।
20. बीज एवं रोपण सामग्री उप-मिशन (SMSP)
गुणवत्तायुक्त बीज और रोपण सामग्री का वितरण और उत्पादन।
21. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (NFSM)
दलहन-तिलहन सहित अनाज उत्पादन बढ़ाने की पहल।
22. समेकित कृषि विपणन योजना (ISAM)
कृषि विपणन अवसंरचना में सुधार, E-NAM, मंडी एकीकरण।
23. समेकित बागवानी विकास मिशन (MIDH)
फल, सब्जी, फूल, मसाले व बागवानी सेक्टर के समग्र विकास के लिए।
24. राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (NMEO-Oil Palm)
ऑयल पाम का विस्तार और उत्पादन बढ़ाना।
25. राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- तिलहन (NMEO-Tilhan)
तिलहनों (सोयाबीन, सूरजमुखी, आदि) के उत्पादन में तेजी।
26. पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन
नॉर्थईस्ट राज्यों में जैविक खेती और प्रोसेसिंग व वैल्यू एडिशन।
27. डिजिटल कृषि मिशन
एग्रीस्टैक, डेटा एनालिटिक्स, एआई, डिजिटल इनोवेशन, स्मार्ट फैसलों के लिए।
28. राष्ट्रीय बांस मिशन
बांस की खेती, उत्पाद, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग को प्रोत्साहन।
नीति व बजट समर्थन
-कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का बजट 2013-14 में 21,933.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2025-26 में 1,27,290.16 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
-सरकार कृषि बाजार सुधार, बीमा, निर्यात नीति और प्रौद्योगिकीय नवाचार पर भी विशेष बल दे रही है।
मूल्य समर्थन एवं स्थायित्व के उपाय
-न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को उत्पादन लागत के 1.5 गुना स्तर पर रखना।
-PM-AASHA के तहत PSS, PDPS, MIS का परिचालन:
*PSS—सरकारी एजेंसियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी।
*PDPS—किसानों को बाज़ार और एमएसपी में अंतर की प्रतिपूर्ति।
*MIS—फल, सब्जी जैसी जल्दी खराब होने वाली फसलों में मूल्य स्थिरता।
तकनीकी उन्नयन व डिजिटल युग
-प्रिसिशन फार्मिंग, सीओई (Centre of Excellence), और उद्यानिकी मिशन।
-डिजिटल कृषि मिशन के तहत एग्रीस्टैक, फसल बुवाई रजिस्ट्रियां, जियो रेफरेंस्ड गाँव मानचित्र।
-उभरती तकनीकें: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, कृषि ऐप्स।
प्रमुख उपलब्धियाँ व चुनौतियाँ
-सरकार की रिपोर्ट के अनुसार इन प्रयासों से कृषि उत्पादकता, विविधीकरण, और जोखिम प्रबंधन में सुधार हुआ है।
-हालांकि, अनेक क्षेत्रों में चुनौतियाँ जैसे लाभकारी मूल्य की प्राप्ति, विपणन अवसंरचना, और छोटे सीमांत किसानों की व्यवहारिक कठिनाइयाँ बनी हुई हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने का उद्देश्य महज आर्थिक लक्ष्य न होकर, भारतीय कृषि व्यवस्था में स्थायी, समावेशी और नवाचारी बदलाव का रोडमैप है। सरकार की विभिन्न योजनाएँ, नीति-निर्माण और प्रौद्योगिकीय नवाचार के संयुक्त प्रयासों से यह ऋतु चक्रीय प्रगति की ओर अग्रसर है, जिससे किसानों की समृद्धि और राष्ट्र की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
सोर्स पीआईबी
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