Oil था Black Gold, Chips हैं Digital Diamonds: सेमीकॉन इंडिया में पीएम मोदी

Oil was Black Gold. But Chips are Digital Diamonds.– पीएम नरेंद्र मोदी, सेमीकॉन इंडिया 2025
जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह पंक्तियां नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2025 के मंच से कहीं, तो यह न सिर्फ एक उद्योग को संबोधित करने वाला भाषण था, बल्कि एक तकनीकी क्रांति की उद्घोषणा थी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अगली सदी की शक्ति न तो तेल में है, न ही पारंपरिक संसाधनों में, बल्कि एक सूक्ष्म चिप में छिपी है- जो दिखने में तो मामूली है, लेकिन दुनिया को बदलने की ताकत रखती है।


सेमीकंडक्टर: भविष्य की ऊर्जा
21वीं सदी में जिस तरह से डिजिटल डिवाइसेज, ऑटोमोबाइल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और 5G टेक्नोलॉजी का विस्तार हुआ है, उसमें सेमीकंडक्टर एक मौलिक आधार बन चुके हैं। एक स्मार्टफोन से लेकर सैटेलाइट तक, हर तकनीकी अविष्कार के केंद्र में यही चिप्स हैं।

पीएम मोदी ने बताया कि आज ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट 600 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है और अगले कुछ वर्षों में यह 1 ट्रिलियन डॉलर का हो जाएगा। और भारत, इस दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहता बल्कि नेतृत्व करना चाहता है।

भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति: तेजी से बदलता परिदृश्य

भारत ने 2021 में 'Semicon India Programme' लॉन्च किया था। आज, चार सालों में, देश ने 10 बड़े सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिनमें कुल 18 बिलियन डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का निवेश हो रहा है। यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं — यह दिखाते हैं कि भारत अब केवल एक मार्केट नहीं, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन हब बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि 2025 में ही भारत सरकार ने 5 नए प्रोजेक्ट्स को क्लियर किया है। इससे यह संदेश जाता है कि भारत की सरकार सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर तेज, सक्रिय और प्रतिबद्ध है।

नीति, नवाचार और निवेश: तीन स्तंभ
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए जो नीतियाँ बनाई हैं, वे केवल तात्कालिक संकेत नहीं हैं, बल्कि लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट्स हैं।
-National Single Window System: सभी अप्रूवल्स एक ही प्लेटफॉर्म पर।
-PLI Scheme, Design Linked Incentives, और Chips-to-Startup Programme: निवेशकों और स्टार्टअप्स के लिए सहायक योजनाएं।
-प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर: इंडस्ट्रियल पार्क्स जिनमें लैंड, पावर, पोर्ट और स्किल्ड मैनपावर की सुविधा एक जगह उपलब्ध।

भारत की युवा शक्ति: दुनिया की सबसे बड़ी डिजाइन फैक्ट्री

प्रधानमंत्री ने बताया कि दुनिया का 20% सेमीकंडक्टर डिजाइन टैलेंट भारत से आता है। भारत की युवा आबादी इस सेक्टर की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने युवाओं और स्टार्टअप्स से अपील की: "आप आगे आइए, सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी।"

सरकार Design Linked Incentive Scheme को नया रूप देने जा रही है ताकि भारतीय IP (Intellectual Property) विकसित हो सके। साथ ही हाल ही में लॉन्च की गई राष्ट्रीय अनुसंधान निधि (NRF) के साथ टाई-अप से अनुसंधान और विकास को भी गति मिलेगी।

राज्यों की भूमिका और भारत का विजन

प्रधानमंत्री ने राज्यों से भी आग्रह किया कि वे सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए विशेष नीतियां बनाएं और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के ज़रिए अपने यहां निवेश और नवाचार को बढ़ावा दें।

उन्होंने बताया कि कई राज्यों ने पहले से ही इंफ्रास्ट्रक्चर और नीति स्तर पर कदम उठाए हैं, और यह भारत के संपूर्ण इकोसिस्टम को सशक्त बनाएगा।

पायलट से प्रोडक्शन तक: भारत तैयार है
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि: CG Power का पायलट प्लांट 28 अगस्त 2025 से शुरू हो चुका है। Micron और Tata की टेस्ट चिप्स पहले से निर्माण में हैं। Kens का प्लांट भी जल्द शुरू होने वाला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसी साल भारत से कमर्शियल चिप्स का उत्पादन शुरू हो जाएगा, और वह दिन दूर नहीं जब भारत की बनी हुई चिप्स ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बनाएंगी।

हर बिट सफल, हर बाइट इनोवेशन से भरपूर
सेमीकॉन इंडिया 2025 में पीएम मोदी का भाषण केवल एक सरकारी घोषणा नहीं थी, यह एक डिजिटल विजन स्टेटमेंट था। भारत अब बैकएंड प्रोसेसिंग से आगे बढ़कर End-to-End Full Stack Semiconductor Nation बनने की ओर है। “Design तैयार है, Mask aligned है... अब Execution और Scale पर Delivery का समय है।”

प्रधानमंत्री का विश्वास था कि आने वाले वर्षों में भारत की चिप्स केवल तकनीक का हिस्सा नहीं होंगी, बल्कि वह विश्वास और गुणवत्ता की पहचान बनेंगी — "Designed in India, Made in India, Trusted by the World."


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