पिछले ग्यारह सालों में भारत की सुरक्षा नीति, क्षमता और दृष्टिकोण में जबरदस्त बदलाव आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होगा। अब भारत सिर्फ़ प्रतिक्रियाशील नहीं, बल्कि पूरी तरह निर्णायक, आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रभाव वाला देश बन चुका है।
रक्षा क्षमता में रिकॉर्ड वृद्धि, अब भारत बना निर्माता और निर्यातक
2013-14 में जहां भारत का रक्षा बजट ₹2.53 लाख करोड़ था, वहीं 2025-26 तक यह बढ़कर ₹6.81 लाख करोड़ हो गया है। ये पैसा सिर्फ़ हथियार खरीदने में नहीं, बल्कि देश में ही लड़ाकू विमान, मिसाइलें, युद्धपोत और एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में लगाया जा रहा है।
-रक्षा उत्पादन: 2014-15 में जहां यह ₹46,000 करोड़ के करीब था, वहीं 2024-25 में बढ़कर ₹1.50 लाख करोड़ से ज़्यादा हो गया।
-रक्षा निर्यात: 34 गुना उछाल के साथ 2024-25 में ₹23,622 करोड़ तक पहुंच गया। अब भारत के बनाए हथियार 100 से ज़्यादा देशों को निर्यात हो रहे हैं।
स्वदेशीकरण और ‘मेक इन इंडिया’ का असर
भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं:
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 (DAP 2020)
‘भारतीय-आईडीडीएम’ को सबसे ऊपर रखते हुए यह नीति स्थानीय डिज़ाइन, विकास और उत्पादन को प्राथमिकता देती है।
सरलीकृत 'मेक' श्रेणियां
भारतीय स्टार्टअप और MSMEs को प्रोत्साहित करने के लिए तीन श्रेणियां –
-Mek-I: सरकार विकास लागत का 70% तक वहन करती है
-Mek-II: इंडस्ट्री द्वारा वित्तपोषित, सफल प्रोटोटाइप पर ऑर्डर की गारंटी
-Mek-III: विदेशी सहयोग से भारत में निर्माण
FDI में राहत
-74% FDI की अनुमति ऑटोमैटिक रूट से
-उन्नत तकनीक के लिए 100% FDI की भी मंज़ूरी
नवाचार, तकनीक और AI का समावेश
भारत ने रक्षा तकनीकों में AI, रोबोटिक्स, और साइबर सुरक्षा को तेजी से शामिल किया है:
-AI परिषद (DAIC) और AI प्रोजेक्ट एजेंसी (DAIPA) की स्थापना
-DRDO ने 9 प्रमुख अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान की है
-IDEX और TDF के माध्यम से स्टार्टअप्स को करोड़ों का अनुदान मिल रहा है
सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश: ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025)
पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में 9 आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए गए।
-100+ आतंकवादी ढेर
-बालाकोट और IC-814 अपहरण से जुड़े आतंकी भी मारे गए
-पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन हमलों को भारतीय सिस्टम ने नाकाम कर दिया
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे "एक नया मानदंड" बताया — अब आतंकवादियों और उनके आकाओं दोनों को एक जैसा जवाब मिलेगा।
पाकिस्तान को लेकर 5 स्पष्ट नीति रेखाएं
-आतंक का सीधा जवाब
-परमाणु ब्लैकमेल नहीं चलेगा
-आतंकवादियों और प्रायोजकों में कोई फर्क नहीं
-वार्ता केवल आतंकवाद पर होगी
-भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं
सुदर्शन चक्र मिशन: भविष्य की रक्षा के लिए दूरदर्शी पहल
2035 तक भारत को पूर्ण रक्षा आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाला यह मिशन तीन प्रमुख उद्देश्यों को साधेगा:
-सभी सुरक्षा तकनीकों का भारत में विकास
-भविष्य की युद्ध स्थितियों की AI से भविष्यवाणी
-सटीक और स्मार्ट हथियार प्रणालियों का निर्माण
आंतरिक सुरक्षा: अब शांति और विकास की ओर बढ़ते कदम
-वामपंथी उग्रवाद (नक्सलवाद) अब 20 से कम जिलों में सिमट गया
-8,000+ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया
-उग्रवादी घटनाओं में 85% की गिरावट
-सरकार ने सड़कों, स्कूलों और संचार व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया
आत्मनिर्भर भारत की रक्षा के अलावा और भी आयाम
वित्तीय समावेशन
-जनधन खाते: 56 करोड़ से ज़्यादा
-कुल जमा: ₹2.64 लाख करोड़
-55% खाताधारक महिलाएं
खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण
-PM-Kisan से अब तक ₹3.90 लाख करोड़ सीधे किसानों के खातों में
-81 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन
मत्स्य और दुग्ध उत्पादन में रिकॉर्ड
-मछली उत्पादन में 104% और दूध उत्पादन में 64% वृद्धि
-भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बना
प्रौद्योगिकी में क्रांति: सेमीकंडक्टर मिशन
-₹76,000 करोड़ के निवेश से भारत बना रहा है अपनी पहली स्वदेशी चिप
-नोएडा और बेंगलुरु में 3nm डिज़ाइन सेंटर शुरू
अब भारत की सुरक्षा नीति बोलती है – “निर्भर नहीं, निर्णायक बनो”
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने साबित कर दिया है कि रक्षा और सुरक्षा में आत्मनिर्भरता सिर्फ़ एक नारा नहीं, बल्कि एक ठोस कार्ययोजना है। चाहे वह सीमा पर दुश्मनों को जवाब देना हो, या गांव-गांव तक सुरक्षा और विकास पहुँचाना – आज का भारत दृढ़, दूरदर्शी और आत्मविश्वासी है।
अब भारत न सिर्फ़ अपनी रक्षा करता है, बल्कि दुनिया को रक्षा समाधान भी देता है।
और यही है विकसित भारत की नई पहचान।
सोर्स पीआईबी
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