महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत चल रहे विशेष पंजीकरण अभियान की अंतिम तिथि को 15 अगस्त, 2025 तक बढ़ा दिया है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की हर पात्र गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ मिल सके। आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में घर-घर जाकर चलाए जा रहे इस जागरूकता और नामांकन अभियान का लक्ष्य अंतिम लाभार्थी तक पहुंचना है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जो कि मिशन शक्ति की उप-योजना 'सामर्थ्य' का एक हिस्सा है, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्लूएंडएलएम) को सीधे उनके बैंक खातों में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना का दोहरा उद्देश्य है: पहला, महिलाओं को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य संबंधी आदतों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना और दूसरा, बालिकाओं के जन्म को लेकर समाज में सकारात्मक माहौल को बढ़ावा देना।
यह योजना कामकाजी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले वेतन के नुकसान की आंशिक भरपाई भी करती है, ताकि वे अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त आराम कर सकें। 31 जुलाई, 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 4.05 करोड़ से अधिक महिला लाभार्थियों को कम से कम एक किस्त का भुगतान किया जा चुका है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से अब तक कुल 19,028 करोड़ रुपये की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक या डाकघर खातों में भेजी गई है।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ:
-पहली संतान के लिए: पात्र महिला को दो किस्तों में कुल 5,000 रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
-दूसरी संतान (बालिका होने पर): दूसरी संतान यदि बालिका है, तो उसके जन्म के बाद एकमुश्त 6,000 रुपये की राशि दी जाती है।
योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए मार्च 2023 में एक नया पीएमएमवीवाई सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया गया था। यह प्रणाली राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं द्वारा उपयोग की जा रही है। प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए कई तकनीकी सुधार किए गए हैं, जिनमें यूआईडीएआई के माध्यम से डिजिटल आधार प्रमाणीकरण और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा सत्यापन शामिल है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि धनराशि सीधे लाभार्थी के डीबीटी-सक्षम आधार-सीडेड खाते में ही जाए।
इसके अलावा, पीएमएमवीवाई पोर्टल में एक एकीकृत शिकायत निवारण मॉड्यूल, एक बहुभाषी और टोल-फ्री हेल्पलाइन (14408), चेहरे की पहचान प्रणाली का उपयोग करके आधार-समर्थित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और संभावित लाभार्थियों की सूची जैसी सुविधाएँ भी जोड़ी गई हैं। इन सुधारों का उद्देश्य योजना के वितरण को सुव्यवस्थित करना और इसकी पहुंच को अधिकतम करना है, ताकि देश भर में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के स्तर को और बेहतर बनाया जा सके।
सोर्स पीआईबी
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