किसानों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हूं: मोदी का ट्रंप को सीधा संदेश

7 अगस्त 2025 को दिल्ली में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम.एस. स्वामीनाथन की जन्मशताब्दी के मौके पर बोले, तो सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं दी — उन्होंने खुलकर किसानों की बात की। अमेरिका और खासकर डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ दबाव पर उन्होंने जो बात कही, वो सीधे दिल से निकली और पूरे देश के किसानों के दिल को छू गई।


"किसानों के लिए अगर मुझे कोई भी कीमत चुकानी पड़े, तो मैं तैयार हूं।"

ये शब्द थे एक ऐसे नेता के, जो साफ कह रहे हैं कि भारत अपने अन्नदाताओं के साथ खड़ा है — बिना किसी समझौते के।

डॉ. स्वामीनाथन: खेती और विज्ञान के सच्चे साधक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन सिर्फ एक वैज्ञानिक नहीं थे, एक सोच थे, एक मिशन थे। उन्होंने जो काम किया, वो सिर्फ लैब तक नहीं रहा — सीधा खेत तक गया।

उनका मानना था कि विज्ञान सिर्फ खोज (discovery) के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए होना चाहिए (delivery)।

उन्होंने खेती को बचाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई रास्ते बताए जैसे —

-एवरग्रीन रेवोल्यूशन
-बायोविलेज
-मिलेट्स यानी श्रीअन्न को बढ़ावा देना
-क्लाइमेट फ्रेंडली फसलें तैयार करना

किसानों के हित में समझौता नहीं, चाहे कुछ भी हो जाए

मोदी जी ने अमेरिका को साफ-साफ संदेश देते हुए कहा: "भारत किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। चाहे इसके लिए मुझे व्यक्तिगत नुकसान क्यों ना उठाना पड़े, मैं पीछे नहीं हटूंगा।"

यह बात साफ करती है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं झुकेगा, खासकर तब जब बात अपने किसानों की मेहनत और हक की हो।

भारत की खेती ने दुनिया में बनाई पहचान
मोदी जी ने बताया कि आज भारत...
-दूध, दाल और जूट में नंबर 1 है
-चावल, गेहूं, सब्जी और फल में दुनिया में नंबर 2 है
-फिश प्रोडक्शन में भी दूसरा सबसे बड़ा देश है
-और फूड ग्रेन और ऑयल सीड्स का रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है

इन आंकड़ों से साफ है कि हमारे किसानों की मेहनत रंग ला रही है।

सरकार की वो योजनाएं जिनसे किसान मजबूत हो रहा है
प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए चल रही कुछ बड़ी योजनाओं का भी ज़िक्र किया:
-PM किसान सम्मान निधि: सीधी आर्थिक मदद
-फसल बीमा योजना: खेती में नुकसान से सुरक्षा
-कृषि सिंचाई योजना: पानी की दिक्कत दूर करने के लिए
-10 हजार FPOs: छोटे किसानों को संगठित करने के लिए
-e-NAM: फसल बेचने में आसानी
-PM किसान संपदा योजना: फूड प्रोसेसिंग और भंडारण के लिए
-PM धन-धान्य योजना: पिछड़े जिलों में खेती को बढ़ावा देने के लिए

अब खेती में आएंगे AI, सैटेलाइट और स्मार्ट टेक्नोलॉजी
मोदी जी ने कहा कि अब समय है जब हमें AI, मशीन लर्निंग और सैटेलाइट डेटा को खेती में जोड़ना होगा। इससे...
-फसल का पूर्वानुमान मिलेगा
-कीड़ों की निगरानी होगी
-कब और क्या बोना है, इसका गाइडेंस मिलेगा
-और किसानों के लिए रीयल टाइम फैसले लेना आसान होगा

परंपरा + विज्ञान = खेती का नया रूप
मोदी जी ने एक अहम बात कही — “हमारे किसानों के पास जो परंपरागत ज्ञान है, उसे आधुनिक विज्ञान से जोड़ो। तभी खेती में असली क्रांति आएगी।”

उन्होंने कहा कि क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन, यानी अलग-अलग फसलें उगाना अब नेशनल प्रायोरिटी है। और ये तभी होगा जब किसानों को समझाया जाएगा कि इससे उन्हें कितना फायदा होगा।

खेत से जुड़े हर इंसान की गरिमा जरूरी है
मोदी जी ने यह भी कहा कि खेती सिर्फ फसल उगाने की बात नहीं है, ये उन लोगों की जिंदगी से जुड़ी है जो खेत से जुड़े हैं — किसान, महिला, मजदूर, मछुआरे, और हर वो इंसान जो धरती से रोज जुड़कर मेहनत करता है।

“हमें खेती में महिलाओं को भी ज्यादा ताकत देनी है। यही असली सशक्तिकरण है।”
स्वामीनाथन जी की सीख, मोदी जी का मिशन
इस भाषण में साफ झलकता है कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ एक नेता की तरह नहीं, बल्कि किसानों के हमदर्द और देश के भविष्य की चिंता करने वाले एक मार्गदर्शक की तरह बोले।

डॉ. स्वामीनाथन की सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि:
-खेती में पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान साथ चलेगा
-किसानों को आत्मनिर्भर और टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा
-और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुके बिना, किसानों के साथ मजबूती से खड़ा रहा जाएगा

ये भाषण सिर्फ सरकार की योजनाओं का ब्योरा नहीं था, ये भरोसे की बात थी, उस भरोसे की जो एक नेता अपने देश के किसानों पर जताता है।

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