मोदी सरकार ने किसानों को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 16 जुलाई 2025 को तीन अहम फैसले लिए हैं। इससे किसान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है। मोदी सरकार कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को एक साथ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। एक ओर जहां किसानों की आय बढ़ाने, खेती को आधुनिक बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की ठोस योजना है,
वहीं दूसरी ओर अक्षय ऊर्जा के जरिए भारत को वैश्विक स्तर पर ग्रीन एनर्जी लीडर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है।1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) – किसानों को सीधा लाभ
क्या है योजना: ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाई गई है। इसका मकसद खेती में नई टेक्नोलॉजी, फसल विविधीकरण, टिकाऊ कृषि और आधुनिक भंडारण-सिंचाई की सुविधाएं देना है। इससे किसानों की लागत घटेगी, उत्पादकता बढ़ेगी और आमदनी में सुधार होगा।
-कितने ज़िलों में: पहले फेज में देश के 100 वो ज़िले जहां उत्पादकता, फसल सघनता और ऋण वितरण कम है, उन्हें चुना गया है।
-कितना खर्च: हर साल ₹24,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह योजना छह वर्षों तक चलेगी यानि कुल खर्च 1.44 लाख करोड़ तक पहुंचेगा।
-किसे मिलेगा फायदा: करीब 1.7 करोड़ किसान इस स्कीम से सीधे लाभान्वित होंगे, जिनमें ज़्यादातर छोटे-सीमान्त किसान होंगे।
-कैसे चलेगी योजना: 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाएं और राज्यों से समन्वय कर लागू की जाएगी। योजनाओं की प्रगति हर जिलों में मासिक डैशबोर्ड से मॉनिटर होगी।
2. एनटीपीसी और ग्रीन एनर्जी को लेकर ऐतिहासिक फैसला
एनटीपीसी लिमिटेड को अब उनके ग्रीन एनर्जी उपक्रमों (NTPC Renewable Energy Ltd, NGE, NREL) में 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश की मंज़ूरी दी गई है—यह पहले की अनुमति (7,500 करोड़) से काफ़ी अधिक है। मकसद 2032 तक 60 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल करना है।
इसका असर:
-देश में सस्ती, हरित और 24x7 बिजली उपलब्ध करवाने का निर्णायक कदम।
-निर्माण और संचालन के दौरान लाखों नए रोज़गार, स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा, और बिजली के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती।
-देश बनने जा रहा वैश्विक ग्रीन एनर्जी हब; भारत ने पहले ही अपनी बिजली क्षमता का 50% गैर-जीवाश्म स्रोतों से पा लिया है।
3. एनएलसी इंडिया लिमिटेड – अक्षय ऊर्जा में रफ्तार
एनएलसीआईएल को अपनी ग्रुप कंपनी NLC India Renewables में 7,000 करोड़ रुपये निवेश की मिली छूट।
क्यों है ज़रूरी: 2030 तक 10.11 GW और 2047 तक 32 GW ग्रीन एनर्जी क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य।
सीधे फायदे:
-कोयला आयात पर निर्भरता घटेगी।
-ग्रामीण इलाकों में बिजली और रोजगार मिलेगा।
-“नेट ज़ीरो” (2070) और “पंचामृत” पर्यावरण लक्ष्यों में भारत को ताकत मिलेगी।
सीधा असर: किसानों और देश की अर्थव्यवस्था पर
-किसानों की आय बढ़ेगी, खेती पर जोखिम घटेगा।
-गांवों तक 24 घंटे बिजली पहुंचाने में बड़ी मदद।
-हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर भारत और मजबूती से बढ़ेगा।
कैबिनेट के इन फैसलों से साफ है कि मोदी सरकार अगले कुछ सालों में गांव, किसान और ग्रीन इकॉनमी को देश की तरक्की का इंजन बनाना चाहती है।
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