प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया के अगले दशक का आगाज हो चुका है। तकनीक अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि देश के हर गांव, हर नागरिक की पहुंच में है। सरकार की ऐतिहासिक घोषणा के तहत अब 10 लाख नागरिकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में मुफ्त प्रशिक्षण मिलेगा और इस
परिवर्तन की अगुवाई ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) करेंगे। डिजिटल सेवाओं के सबसे बड़े नेटवर्क सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से, भारत तेजी से वैश्विक डिजिटल शक्ति बन रहा है। यह सिर्फ तकनीकी विकास नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की नई कहानी है।मुख्य बिंदु:
-10 लाख नागरिकों को मिलेगा मुफ्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रशिक्षण, ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को प्रमुखता
-5.5 लाख से ज्यादा सीएससी केंद्र और 90% ग्रामीण भारत तक व्यापक नेटवर्क
-सीएससी नेटवर्क का विशाल विस्तार—2014 में 83,000 से बढ़कर वर्तमान में 5.5 लाख से अधिक
-आईआरसीटीसी, आधार, सरकारी सेवाएं और डिजिटल बैंकिंग तक सीएससी से घर-घर पहुंच
-74,000 से ज्यादा महिला वीएलई ग्रामीण सशक्तिकरण में अग्रणी
एआई मिशन: ग्रामीण भारत पर फोकस
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जुलाई को घोषणा की कि पूरे देश में 10 लाख नागरिकों को निःशुल्क एआई प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें सभी ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) को प्राथमिकता मिलेगी। यह पहल इंडियाAI मिशन के अंतर्गत संचालित होगी।
-रेलवे टिकटिंग (आईआरसीटीसी), बैंकिंग, बीमा, आधार जैसी सेवाओं का विस्तार
-आईटी मंत्री ने राज्य सरकारों और विभागों को सीएससी नेटवर्क के साथ और मजबूत एकीकरण का सुझाव दिया
-सीएससी नेटवर्क के ज़रिए ग्रामीण ग्रामीणों को डिजिटल सेवाओं की आसान उपलब्धता और परिवर्तन की कहानी
डिजिटल इंडिया के 10 साल: जमीनी बदलाव
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत 2015 में हुई थी, जिसका लक्ष्य हर नागरिक तक तकनीकी पहुंच सुनिश्चित करना था। आज भारत तीसरी सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिसमें सीएससी नेटवर्क की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
सीएससी नेटवर्क के आंकड़े:
वर्ष सीएससी केंद्र की संख्या उल्लेखनीय बिंदु
2014 83,000 प्रारंभिक स्थिति
2025 5,50,000+ लगभग 90% गांवों में पहुँच
महिला सशक्तिकरण
74,000+ महिला वीएलई सीएससी नेटवर्क के अंतर्गत कार्यरत हैं, जो डिजिटल समावेशन एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता को नई दिशा दे रही हैं।
सीएससी: नागरिक-केंद्रित सेवाओं के प्रमुख स्तंभ
हर सीएससी का संचालन गांव के स्थानीय उद्यमी (वीएलई) करते हैं। ये केंद्र निम्नलिखित डिजिटल सेवाएं ग्रामीण नागरिकों तक पहुंचाते हैं:
-आधार कार्ड अपडेशन व नामांकन
-पैन कार्ड, पासपोर्ट सेवाएं
-बैंकिंग और बीमा
-टेलीमेडिसिन, शिक्षा, कौशल विकास
-कृषि सलाह, ई-स्टोर और यूटिलिटी बिल भुगतान
यह नेटवर्क समावेशी और सशक्त डिजिटल इंडिया की वास्तविक मिसाल बन गया है.
विशेष घोषणाएं एवं आगे की राह
-फ्री एआई प्रशिक्षण: 10 लाख नागरिकों के लिए, वीएलई पहली प्राथमिकता में
-वीएलई के जरिये IRCTC सेवाएं: रेलवे टिकटिंग की गहराई तक पहुँच
-राज्य-सीएससी एकीकरण: सभी राज्य आईटी विभागों को वन-स्टॉप सर्विस डिलिवरी मॉडल से जोड़ने की तैयारी
-महिला सीएससी उद्यमियों को नैतिक-आर्थिक प्रोत्साहन
डिजिटल इंडिया के 10 वर्षों ने भारत को तकनीक में आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र बनाया है। एआई मिशन से न केवल गांवों तक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पहुंचेगी, बल्कि लाखों नए रोजगार, स्थानीय नवाचार और आर्थिक विकास की नई लहर आएगी। साफ है इस अभूतपूर्व अभियान से भारत का हर गांव- हर नागरिक डिजिटल क्रांति का सहभागी बनने जा रहा है।
सोर्स पीआईबी
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