प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 11 अक्टूबर को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली में एक विशेष ‘कृषि कार्यक्रम’ में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पीएम धन धान्य कृषि योजना और मिशन फॉर आत्मनिर्भरता इन पल्सेज का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खेती-किसानी हमेशा भारत की विकास यात्रा का अहम हिस्सा रही है, लेकिन पहले की सरकारों ने इसे नजरअंदाज कर दिया था। 2014 के बाद से सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक अनेक सुधार किए, जिनका सीधा असर किसानों की आय और उत्पादन पर पड़ा है।
उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों में कृषि निर्यात दोगुना हुआ है, अनाज उत्पादन में 900 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है, फल-सब्जी उत्पादन में 640 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई है, और आज भारत दूध उत्पादन में दुनिया में नंबर वन है तथा मछली उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है।
पीएम धन-धान्य कृषि योजना की प्रेरणा आकांक्षी जिला कार्यक्रम से ली गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए 100 जिलों का चयन तीन मानकों पर किया गया है – खेत की पैदावार, एक साल में कितने खेती चक्र होते हैं, और किसानों को लोन या निवेश की कितनी सुविधा मिलती है। सरकार ने 36 योजनाओं को एक साथ जोड़कर कन्वर्जेंस, कोलैबोरेशन और कंपटीशन का मॉडल अपनाया है, जिसमें प्राकृतिक खेती, सिंचाई अभियानों और तिलहन मिशन जैसी पहल शामिल हैं। पशुधन स्वास्थ्य पर भी विशेष फोकस किया जाएगा और स्थानीय जरूरतों के अनुसार फसलों, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और सीवीड फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की, जिसका बजट 11,000 करोड़ रुपये है। इस मिशन का लक्ष्य दाल उत्पादन में 35 लाख हेक्टेयर तक वृद्धि करना और तूर, उड़द व मसूर की उत्पादन बढ़ाना है। इस कदम से दो करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और देश दालों के आयात पर निर्भरता कम करेगा। मोदी ने कहा कि यह मिशन केवल दाल उत्पादन का नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी को पोषण और प्रोटीन देने का अभियान है।
प्रधानमंत्री ने किसानों को विकसित भारत का मजबूत स्तंभ बताते हुए कहा कि बीते 11 वर्षों में खेती का बजट छह गुना बढ़ाया गया है और खाद पर सब्सिडी में 13 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि से अब तक किसानों के बैंक खातों में 3.75 लाख करोड़ रुपये सीधे भेजे गए हैं।
उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि लखपति दीदियां और नमो ड्रोन दीदियां खेती में तकनीकी क्रांति ला रही हैं। तीन करोड़ लखपति दीदियां बनाने के मिशन में महिलाएं ड्रोन से खाद और कीटनाशक का छिड़काव कर रही हैं, जिससे उनकी आय बढ़ रही है।
सरकार ने हाल ही में GST सुधारों के जरिए किसानों की लागत कम और बचत ज्यादा करने पर ध्यान दिया है। अब ट्रैक्टर, धान रोपने की मशीन, पावर टिलर, थ्रैशर और सिंचाई उपकरण सस्ते हो गए हैं। पहले किसान महंगे दामों पर औजार खरीदते थे, अब डबल बचत कर रहे हैं – रोजमर्रा के सामान पर भी और खेती के उपकरणों पर भी।
कार्यक्रम में मोदी ने किसानों और मछुआरों से संवाद किया और उनके अनुभव सुने। उन्होंने विश्वास जताया कि पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से भारत की खेती में नई क्रांति आएगी और देश अन्न के साथ-साथ पोषण में भी आत्मनिर्भर बनेगा।
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