Bihar on the Move: अब बदलाव दिखता है! परिवहन से समृद्धि की ओर बढ़ता बिहार

बिहार को लेकर कभी लोगों की सोच यही होती थी - ‘विकास यहां मुश्किल है’, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। 22 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब गंगा पर बने औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन किया, तो ये सिर्फ एक पुल नहीं था, बल्कि बदलते बिहार की सबसे मजबूत तस्वीर थी।


ये 8.15 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट, जिसमें छह लेन का नया पुल भी शामिल है, 1,870 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से तैयार हुआ है। और इसका असर? भारी वाहनों की यात्रा दूरी 100 किलोमीटर तक घट गई है। सिमरिया धाम जैसे धार्मिक स्थल तक पहुँचना अब पहले से आसान हो गया है।

बदलाव सिर्फ सड़कों का नहीं, सोच का भी है
बिहार अब केवल “पिछड़े राज्य” की पहचान से बाहर निकल रहा है। 2011-12 से अब तक राज्य की अर्थव्यवस्था 3.5 गुना बढ़ चुकी है, और इसका मुख्य कारण है — सड़क, रेल, बिजली और हवाई संपर्क में भारी निवेश।
-रेलवे का बजट 2009-14 में 1,132 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 10,066 करोड़ रुपये हो गया है।
-हर गांव तक सड़क, बिजली और नल से जल जैसी सुविधाएं पहुंच चुकी हैं।
-केंद्र सरकार ने 10 साल में बिहार को 9.23 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय सहायता दी है।
यानि अब योजनाएं घोषणाओं तक सीमित नहीं, जमीनी स्तर पर दिखने लगी हैं।

सड़कें बनीं विकास की रीढ़

बिहार में सड़क और राजमार्गों पर जो काम हुआ है, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है। आज:
-लगभग 90% राष्ट्रीय राजमार्ग दो लेन या उससे चौड़े हो चुके हैं।
-पिछले 5 वर्षों में 850 किलोमीटर से ज्यादा 4-लेन या उससे चौड़ी सड़कें बनी हैं।

हाल ही में प्रधानमंत्री ने बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन हाइवे, आरा बाईपास, और बिक्रमगंज-डुमरांव जैसी सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

बिहार अब "कनेक्टिविटी गैप" को तेजी से भर रहा है।

ग्रामीण और शहरी रेल, दोनों में आई रफ्तार
बिहार में रेलवे की रफ्तार अब पहले से कहीं तेज़ है। एक वक्त था जब साल भर में मुश्किल से 60 किलोमीटर रेल लाइन बनती थी, अब साल में 360 किलोमीटर तक नई लाइनें चालू हो रही हैं।

2025 में:

-115 से ज्यादा नई ट्रेनें शुरू हुईं।
-300 से ज्यादा ट्रेनें अब अतिरिक्त स्टॉप पर रुकती हैं।
-किसान रेल से कृषि उत्पादों की आसान ढुलाई संभव हुई।

और हां, गया से दिल्ली तक Amrit Bharat Express और वैशाली से कोडरमा तक बौद्ध सर्किट रेल की शुरुआत, बिहार की आधुनिक रेल यात्रा की नई दिशा है।

स्टेशनों का कायाकल्प – 'अमृत भारत स्टेशन योजना'
98 रेलवे स्टेशन अब यात्रियों के लिए सिर्फ स्टॉप नहीं, बल्कि पूरी सुविधाओं के हब बन रहे हैं। जैसे:
-वेटिंग रूम्स, एस्केलेटर, शौचालय, कैफे, वाई-फाई
-लोकल प्रोडक्ट्स के लिए ‘One Station One Product’ कियोस्क
-दिव्यांगजन के लिए सुविधाएं
ये सब, बिहार को रेल कनेक्टिविटी और अनुभव के मामले में पूरे देश में अग्रणी बना रहे हैं।

हवाई उड़ान – अब बिहार की ऊंची उड़ान

कुछ साल पहले तक बिहार के लोगों के लिए एयरपोर्ट एक सपना था, आज:
-पटना एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल खुल गया है (1 करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता)
-दरभंगा एयरपोर्ट पूरी तरह चालू
-बिहटा एयरपोर्ट पर 1,400 करोड़ रुपये का निवेश, जल्द पूरा होने वाला है
यानि अब दिल्ली-मुंबई जाना फ्लाइट पकड़ने जितना आसान हो गया है।

ऊर्जा से भरपूर बिहार – बिजली पहुंची, अब उत्पादन भी हो रहा

बक्सर में 6,880 करोड़ रुपये की लागत से बना ताप विद्युत संयंत्र चालू हो चुका है। औरंगाबाद में नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट भी निर्माणाधीन है।

साथ ही:
-कजरा में सोलर पार्क
-PM Kusum योजना के तहत खेतों को सौर ऊर्जा से बिजली
-नवीकरणीय कृषि फीडर, ताकि सिंचाई भी टिकाऊ हो

Bihar 2.0 – कल्याण और विकास साथ-साथ

प्रधानमंत्री मोदी के विज़न में बिहार को सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं, कल्याणकारी योजनाओं से भी मजबूत किया जा रहा है।

कुछ बड़े कदम:

-60 लाख परिवारों को PM आवास योजना के तहत पक्के घर
-मखाना बोर्ड की स्थापना – लोकल उत्पाद को राष्ट्रीय मंच
-राष्ट्रीय खाद्य प्रोसेसिंग संस्थान – किसानों के लिए मूल्यवर्धन और युवाओं के लिए रोजगार
-IIT पटना का विस्तार – ज़्यादा छात्रों को उच्च शिक्षा
-कोशी नहर परियोजना – मिथिलांचल के किसानों को सिंचाई

धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मिला आधुनिक स्वरूप
-गया और राजगीर को नए टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है
-विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारा भी काशी मॉडल पर
-नालंदा यूनिवर्सिटी को उसके पुराने वैभव में लौटाने की दिशा में काम

अब बिहार तैयार है – भारत के विकास इंजन बनने के लिए
बिहार का ये ट्रांज़िशन कोई छोटी बात नहीं है। ये दिखाता है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, केंद्र और राज्य मिलकर काम करें और योजनाएं सिर्फ कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर उतरें — तो कुछ भी संभव है।

अब बिहार:
-तेजी से जुड़ रहा है
-तेजी से बढ़ रहा है
-और सबसे जरूरी — खुद पर गर्व कर रहा है

और जैसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था: "हम विकसित भारत की बात कर रहे हैं, तो बिहार उसका आधार बनेगा।"

तो अगली बार जब आप बिहार जाएं, सिर्फ पुलों और सड़कों को मत देखिए — वो उम्मीद देखिए, जो अब साकार हो रही है।

सोर्स पीआईबी


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