हेलमेट: सिर्फ सुरक्षा कवच नहीं, जीवन रक्षक भी है- बीआईएस प्रमाणित हेलमेट अपनाएं, सुरक्षित रहें

भारत में सड़क सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती दोपहिया वाहन चालकों की जान बचाना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, 2022 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों में से 44.5 प्रतिशत मौतें दोपहिया वाहनों से जुड़ी थीं। यह आंकड़ा बताता है कि हेलमेट पहनना केवल एक कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सही तरीके से पहना गया हेलमेट दुर्घटना में मृत्यु के जोखिम को 6 गुना तक कम कर सकता है और मस्तिष्क की चोट के खतरे को 74 प्रतिशत तक घटा सकता है। बावजूद इसके, देश में कई लोग हेलमेट केवल चालान से बचने के लिए पहनते हैं, न कि अपनी सुरक्षा के लिए।

बीआईएस प्रमाणित हेलमेट की अनिवार्यता

2021 से भारत सरकार ने सख्त गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया है, जिसके तहत केवल बीआईएस प्रमाणित (IS 4151:2015) हेलमेट ही कानूनी रूप से मान्य हैं। जून 2025 तक देश में 176 निर्माता ही ऐसे हैं, जिनके पास वैध बीआईएस लाइसेंस है। फिर भी, बाजार में नकली और घटिया हेलमेट की भरमार है, जो सुरक्षा का झूठा एहसास देते हैं और दुर्घटना में जानलेवा साबित हो सकते हैं।

हेलमेट का वैज्ञानिक महत्व
एक प्रमाणित हेलमेट में तीन परतें होती हैं—कठोर बाहरी शेल, ऊर्जा अवशोषित करने वाली फोम परत और आरामदायक पैडिंग। दुर्घटना के समय यह डिज़ाइन सिर पर पड़ने वाले बल को अवशोषित कर उसे फैलाता है, जिससे गंभीर चोट से बचाव होता है। बीआईएस हेलमेट को कई सख्त परीक्षणों से गुजरना पड़ता है—जैसे दबाव, गिरने, विजन, स्ट्रैप मजबूती और तापमान सहनशीलता—ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह हर स्थिति में सिर की रक्षा कर सके।

नकली हेलमेट के खिलाफ कार्रवाई
बीआईएस ने 2024-25 में 3,000 से अधिक नकली हेलमेट जब्त किए हैं और अवैध बिक्री पर लगातार कार्रवाई जारी है। उपभोक्ता अब बीआईएस केयर ऐप या पोर्टल के माध्यम से हेलमेट की प्रामाणिकता जांच सकते हैं और संदिग्ध उत्पादों की रिपोर्ट कर सकते हैं।

जन-जागरूकता और सरकारी पहल

देशभर में पुलिस और ट्रैफिक विभाग निशुल्क हेलमेट वितरण और जागरूकता अभियान चला रहे हैं, ताकि लोग हेलमेट को सिर्फ जुर्माने से बचने का साधन नहीं, बल्कि जीवन रक्षक कवच के रूप में अपनाएं। बीआईएस भी "क्वालिटी कनेक्ट" जैसे अभियानों के जरिए नकली हेलमेट के खतरे और प्रमाणन के महत्व को लोगों तक पहुंचा रहा है।

हेलमेट सिर्फ एक प्लास्टिक का शेल नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किया गया जीवन रक्षक उपकरण है। स्टाइल या कीमत के लिए सुरक्षा से समझौता न करें। हमेशा बीआईएस प्रमाणित हेलमेट का ही चयन करें—क्योंकि यह फर्क सिर्फ एक स्टिकर का नहीं, बल्कि सड़क पर जीवन और मृत्यु के बीच का है।

सोर्स- पीआईबी

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