भारत सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा संचालित ईट राइट इंडिया अभियान ने देश में सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ भोजन सुनिश्चित करने के लिए उल्लेखनीय प्रगति की है। यह पहल न केवल भारतीयों के भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास कर रही है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
अभियान की प्रमुख उपलब्धियां
-6 जुलाई 2025 तक FoSTaC (खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन) के तहत 12 लाख से अधिक फूड हैंडलर, 284 ईट राइट स्टेशन और 249 क्लीन स्ट्रीट फूड हब पूरे भारत में प्रमाणित किए जा चुके हैं।
-Repurpose Used Cooking Oil (RUCO) के तहत 55 लाख लीटर प्रयुक्त तेल एकत्र कर 39 लाख लीटर बायोडीजल में परिवर्तित किया गया।
-अभियान को रॉकफेलर फाउंडेशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
अभियान का उद्देश्य और रणनीति
ईट राइट इंडिया का लक्ष्य है कि हर भारतीय को न केवल सुरक्षित, बल्कि पौष्टिक और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार भोजन मिले। यह आंदोलन तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है:
-सुरक्षित भोजन: खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता मानकों को बढ़ावा देना।
-स्वस्थ भोजन: संतुलित आहार, पोषण और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम।
-स्थानीय भोजन: स्थानीय, मौसमी भोजन को बढ़ावा देना और खाद्य अपशिष्ट को कम करना।
प्रमुख पहलें
-ईट राइट स्टेशन: 150+ रेलवे स्टेशनों को “ईट राइट स्टेशन” प्रमाणन मिला है, जहां स्वच्छता, सुरक्षित भोजन और उपभोक्ता जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
-क्लीन स्ट्रीट फूड हब: सड़क किनारे भोजन की गुणवत्ता को रेस्तरां स्तर तक लाने के लिए 249 हब प्रमाणित किए गए हैं।
-ईट राइट स्कूल: स्कूलों में पोषण, स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा पर शिक्षा दी जा रही है, जिससे बच्चों और समुदाय में जागरूकता बढ़ रही है।
-फूड फोर्टिफिकेशन: नमक, तेल, दूध और आटा जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की मजबूती।
-मोटापा रोको अभियान (2025): देशभर में नमक और तेल की खपत में 10% की कमी का आह्वान।
हितधारकों की भागीदारी
ईट राइट इंडिया अभियान की सफलता सरकार, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और आम नागरिकों की साझा भागीदारी से संभव हुई है। FSSAI द्वारा 220+ प्रशिक्षण भागीदार, 2,000+ प्रमाणित प्रशिक्षक और 62,000+ खाद्य सुरक्षा मित्र जोड़े गए हैं, जो देश के दूरदराज क्षेत्रों तक भी पहुंच बना रहे हैं।
तकनीक और नवाचार
डिजिटल प्लेटफॉर्म FoSCoS के माध्यम से खाद्य व्यवसायों के लाइसेंसिंग और अनुपालन को आसान बनाया गया है। फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स जैसी मोबाइल लैब्स और फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप के जरिये उपभोक्ताओं की भागीदारी और निगरानी को भी बढ़ावा मिला है।
वैश्विक मान्यता और भविष्य की दिशा
ईट राइट इंडिया को 2050 तक एक पुनर्योजी और पौष्टिक खाद्य प्रणाली की परिकल्पना के लिए रॉकफेलर फाउंडेशन के ‘फूड सिस्टम्स विजन प्राइज’ में शीर्ष दूरदर्शी अभियानों में स्थान मिला है। WHO ने भारत को ट्रांस-फैट खत्म करने की दिशा में वैश्विक रोल मॉडल माना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुरूप, ईट राइट इंडिया अभियान हर नागरिक को स्वस्थ भोजन और फिटनेस को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह पहल न केवल एक सरकारी कार्यक्रम, बल्कि जन-आंदोलन बनकर भारत की खाद्य संस्कृति, व्यवहार और सोच में सकारात्मक बदलाव ला रही है। इसका उद्देश्य है—हर भारतीय की थाली में सुरक्षित, पौष्टिक और भरोसेमंद भोजन सुनिश्चित करना।
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